अपीलार्थी द्वारा अवर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत अभिलेख संख्या-9 बिक्रीनामा / इकरारनामा नोटरी द्वारा सत्यापित दस्तावेज है, जिसे अवर न्यायालय द्वारा साक्ष्य में ग्राहय न कर कानूनी त्रुटि की है, जबकि उक्त दस्तावेज विश्वसनीय साक्ष्य है, जिससे अपीलार्थी का विवादित भूमि पर कब्जा भी सिद्ध होता है।
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उदारमना भागीरथी बाई जमीन दान देने को तैयार हुई, किन्तु अंगरेजों को ' देसी का दान ' मंजूर नहीं हुआ और बताया जाता है कि 1885 में तत्कालीन मध्यप्रान्त के चीफ कमिश्नर सर चार्ल्स हाक्स टॉड ने बिलासपुर रेलवे स्टेशन और रेलवे कालोनी के लिए 139 एकड़ जमीन के लिए 500 रुपए मुआवजा दे कर बिक्रीनामा लिखाया।