बिच्छू बूटी की जड या शमी जिसे छोंकरा भी कहते है की जड शनिवार को पुष्य नक्षत्र में काले धागे में पुरुष और स्त्री दोनो ही दाहिने हाथ की भुजा में बान्धने से शनि के कुप्रभावों में कमी आना शुरु हो जाता है.
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बिच्छू बूटी की जड या शमी जिसे छोंकरा भी कहते है की जड शनिवार को पुष्य नक्षत्र में काले धागे में पुरुष और स्त्री दोनो ही दाहिने हाथ की भुजा में बान्धने से शनि के कुप्रभावों में कमी आना शुरु हो जाता है.
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शनि की जडी बूटियां बिच्छू बूटी की जड या शमी जिसे छोंकरा भी कहते है की जड शनिवार को पुष्य नक्षत्र में काले धागे में पुरुष और स्त्री दोनो ही दाहिने हाथ की भुजा में बान्धने से शनि के कुप्रभावों में कमी आना शुरु हो जाता है.
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ये शरीर के किसी नंगे हिस्से को छू जाए तो जलन व खुजली होने लगती है और जैसे-2 आप खराश करते जायेंगे ये पूरे शरीर पर फैलती जायेगी व त्वचा लाल हो जायेगी…अतः अनजानी झाडि़यों से दूर रहें व बिच्छू बूटी लग जाने पर ठंडे पानी से धो दें..
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देवदार, चीड़, मयूरपंखी, ओक, शीशम, बौटलब्रश, क्रिसमस ट्री, सेब, आड़ू, नाशपाती के वृक्ष तो मुझे अपने यहां जैसे लगे ही जंगल में उगे हुए जंगली पीले व नीले फूल, घुमची के पौधे, बैगनी रंग की मकोय एवं बिच्छू बूटी भी दिखाई दी.
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ठंडे पत्थरी के फर्श पर छिद गईं हैं अस्थियाँ ऐसा उद्यम कि नील वर्ण हो रही है काया बाहर भीतर से बिच्छू बूटी कोई भेद नहीं रहा निर्जन पड़ी कन्दराओं में उदासी बाँटू या छिपाऊँ समय बिल्कुल नहीं हैं निरन्तर व्याकुल है हृदय गुरु व त्रिकाल बुद्धों के लिए ऐसा उद्यम कर रहा हूँ, कि बौधि उपलब्धि में कोई शंका नहीं