कल अपने बुरे वक्त के अच्छे साथी डा. सुशील उपाध्याय जी से वार्ता हुई थी अब मेरे सिमटते दायरे में उपाध्याय जी एकमात्र ऐसा किरदार बचे हुए है जिनसे मै चेतना, सम्वेदना और अनुभूति के स्तर पर जैसा महसुस करता हूँ शेयर कर सकता हूँ इसके लिए उनका आभारी हूँ वैसे उपाध्याय जी की सबसे बडी खासियत यही है कि वें प्राय: संतुलित रहते है और बिना शर्त का धनात्मक सम्मान देते हैं।