हो, तो उस बिंदु के बिन्दुपथ को एक शंकु परिच्छेद कहते हैं ।
12.
अर्थात परवलय किसी ऐसे बिन्दु का बिन्दुपथ है जिसकी किसी निश्चित रेखा से दूरी किसी निश्चित बिन्दु से दूरी के बराबर होती है ।
13.
एक अन्य परिभाषा के अनुसार दीर्घवृत्त किसी एसे बिन्दु का बिन्दुपथ है जिसकी दो निश्चित बिन्दुओं से दूरी का योग अचर रहता है ।
14.
एक अन्य परिभाषा के अनुसार अति परवलय किसी एसे बिन्दु का बिन्दुपथ है जिसकी दो निश्चित बिन्दुओं से दूरियों का अंतर सदैव अचर रहता है ।
15.
मैं अपने आप को मिटा देना चाहती हूँ स्वाभाविक जीवन और तयशुदा मृत्यु के बिन्दुपथ पर नहीं अड़ना चाहती किसी गाँठ की तरह क्यों कि मैं मृत्यु हूँ--
16.
लेकिन क्या अपनी इसी अव्यवहारिकता के नाते वह एक ऐसा बिन्दुपथ तैयार नहीं करता जिससे इस संसार की सूक्ष्म बुनावटों में अन्तर्निहित आतंक के मर्म तक वह हमें ले जाता है?
17.
शांकव की एक अन्य परिभाषा के अनुसार शांकव (समतल मे) किसी एसे चर बिन्दु का बिन्दुपथ है जिसकी एक निर्धारित बिन्दु एवं एक निर्धारित रेखा से दूरियोँ का अनुपात हमेशा स्थिर(अचर) रहता है।
18.
बिन्दुपथ के इस मेथिलिकरण को एक्स गुणसूत्र जो माइक्रोस्कोप के अंतर्गत उस बिंदु, एक घटना है कि सिंड्रोम इसके नाम दिया 'नाजुक' प्रकट होता है के कसना में परिणाम माना जाता है.
19.
शांकव की एक अन्य परिभाषा के अनुसार शांकव (समतल मे) किसी एसे चर बिन्दु का बिन्दुपथ है जिसकी एक निर्धारित बिन्दु एवं एक निर्धारित रेखा से दूरियोँ का अनुपात हमेशा स्थिर(अचर) रहता है।
20.
लेकिन क्या अपनी इसी अव्यवहारिकता के नाते वह एक ऐसा बिन्दुपथ तैयार नहीं करता जिससे इस संसार की सूक्ष्म बुनावटों में अन्तर्निहित आतंक के मर्म तक वह हमें ले जाता है?