अक्षीय, बीजांड एक या अनेक (प्रत्येक विवर में दो पंक्तियों में), फल कोष्ठ विदारक (
12.
जब पराग कण स्त्रीकेसर पर पहुंचकर बीजांड से मिलते हैं तो निषेचन होकर भ्रूण बनता है ।
13.
जहाँ एक बीजांड होता है, ठीक उसके बाहर अंडाशय भित्ति में वह एक छेद कर देता है और उसमें एक अंडा दे देता है।
14.
जहाँ एक बीजांड होता है, ठीक उसके बाहर अंडाशय भित्ति में वह एक छेद कर देता है और उसमें एक अंडा दे देता है।
15.
स्त्री केसर (pistil) में दो या तीन अंडप होते हैं, जो मिलकर अंडाशय बनाते हैं जिसमें कई वर्तिकाएँ (style) एवं एक बीजांड (ovule) होता है।
16.
बीजांड (ovules) स्तंभीय (axile) बीजांडासन (Placenta) पर लगे रहते हैं तथा प्रत्येक कोष्ठक (locule) में इनकी संख्या प्राय: दो अथवा कभी कभी चार भी होती है।
17.
६. क्रिसोवेलनॉइडी-गुठलीदार फल और एक अंडप रखने के कारण यह उपगण प्रूनाइडी के सदृश है, पर अधारीय वर्त्तिका, आरोही बीजांड तथा एक व्यास सममित (
18.
कुछ समय बाद इधर कीट के अंडे, डिंभक आदि तैयार होते हैं और उधर अनेक बीजांड निषेचित होकर मुलायम बीज के रूप में तैयार हो जाते हैं।
19.
संकर किस्म में उपस्थित विभिन्न जीन्स बीजांड या पराग कणों के निर्माण के दौरान अलग-अलग हो जाते हैं और फिर अलग ढंग से पास-पास आते हैं ।
20.
परागकण और बीजांड वसंत ऋतु में अलग-अलग वृक्षों पर उत्पन्न होते हैं, और निषेचन के बाद, गोलाकार बीज एक गूदेदार बाहरी आवरण के साथ विकसित होते हैं।