| 11. | बीज जनित रोगो से बचाव हेतु २ ५ ० ग्राम थीरम या कैप्टान प्रति किग्रा.
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| 12. | बीज जनित रोगो से सुरक्षा के लिए यथासम्भव संशोधित उपचारित एवं प्रमाणित बीज ही बोना चाहिये।
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| 13. | ट्राईकोडर्मा एक ऐसा जैविक फफूंद नाशक है जो पौधों में मृदा एवं बीज जनित बीमारियों को नियंत्रित करता है।
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| 14. | रोग की सुप्त अवस्था / फैलाव यह रोग बीज जनित है पर बाद में रोगीले पौधों, नीदों तथा हवा द्वारा फैलता है।
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| 15. | उन्होंने बताया कि उपचारित बीज की बिजाई करने से गेहूं फसल में भूमि जनित और बीज जनित बीमारियों में गुणात्मक कमी आई।
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| 16. | बीजोपचार: मसूर की फसल को विभिन्न बीज जनित रोगों विशेषकर उकठा रोग से बचाने के लिये बीज को उपचारित करके बोना आवश्यक है।
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| 17. | बीज जनित रोग से बचाव के लिए थीरम 2 ग्राम या मैंको-जेब 3 ग्राम या 4 ग्राम + ट्राइकोडरमा अथवा थीरम 2 ग्राम।
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| 18. | प्रोजेक्ट से ही जुड़े जगदीश राय ने बताया कि भूमि व बीज जनित रोगों के लिए रोकथाम के लिए बीजोपचार करना आवश्यक है।
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| 19. | नियंत्रण-यह रोग बीज जनित है परंतु खरपतवार तथा बाद में रोगीले पौधों से तथा हवा से भी इस रोग का फैलाव होता है।
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| 20. | सरसों की फसल के लिए बीज जनित रोगों की सुरक्षा हेतु 2 से 5 ग्राम थीरम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करके बोना चाहिएI
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