शायद उतरेगा भी नहीं, आखिर आदत आसानी से कहाँ छूटती है और फिर जो छूट जाए भला वो भी कोई आदत हुई क्या? आPप सोच रहे होंगे कि इस बेसिर पैर की बात का क्या अर्थ हो सकता है?
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अंत में अनूप शुक्ल को, नमन करते हुए उनके “ ब्लागर छत्तीसा ” पैरा २ ८ के अनुसार “ किसी बेसिर पैर की बात को जितने अधिक विश्वास से कह सकता है वह उतना ही सफल ब्लागर होता है! ”