ऐसी स्थिति में रूपया 65, 206.24 के बदले वादी की दस लाख रूपया की बैंक गारन्टी नही समाप्त की जा सकती।
12.
प्रतिवादी संख्या 1 द्वारा एक बैंक गारन्टी सिन्डीकेट बैंक की रेलवे के पक्ष में रूपया 5, 70,000/-की दी गयी है।
13.
बैंक को बिना लेखा जोखा बताये व बिना किसी कारण के बैंक गारन्टी समाप्त करने का कोई अधिकार नही है।
14.
जिसके सम्बन्ध में उसके द्वारा प्रतिवादी संख्या 1 के पक्ष में दो बैंक गारन्टी पॉच-पॉच लाख रूपये की दी गयी थी।
15.
जिसमें से वादी की बैंक गारन्टी की धनराशि को घटाने के बाद रूपया 10, 74,522.15 वादी अदा करने के लिये उत्तरदायी है।
16.
प्रतिवादी द्वारा मात्र रूपया 65208. 24 ही बकाया होना कहा है उसके बदले वह उसकी बैंक गारन्टी को समाप्त नही कर सकता।
17.
इसी प्रकार वादी द्वारा एक और बैंक गारन्टी नम्बर एसआईबी / बीजी/86/38 दिनांकित 17-09-86 रूपया 5,00,000/-की दी गयी जो दिनांक 16-03-93 तक बढ़ायी गयी।
18.
प्रतिवादी संख्या 1 का कथन है कि बैंक गारन्टी का मतलब मात्र प्रतिवादी संख्या 2 से है न कि प्रतिवादी संख्या 1 से है।
19.
बिना किसी शर्त के उल्लंघन के वादी की बैंक गारन्टी समाप्त नही जा सकती तथा प्रतिवादी स्वयं अपने मामले में न्यायाधीश नही हो सकता।
20.
क्या प्रतिवादी संख्या 1 को बैंक गारन्टी संख्या एसआईबी / बीजी/86/38ई दिनांकित 28-05-92 व बैंक गारन्टी संख्या एसआईबी/बीजी/89/13डी दिनांकित 28-05-92 को समाप्त करने का अधिकार नही है।