मुझे लगता है कि तुम पूरे कभी मेरे पास नहीं रहे और अब भी लगता है कि पढ़ने से तुम पूरे पास रहने लगोगे लेकिन इन आँखों का क्या करूँ, जिनमें नींद नहीं, दम नहीं केवल लाली है जो लील गई है तुमको मुझसे?...सिल पर जमी धूल से गुजरती आँखें बोगेनविलिया के निर्गन्ध गुलाबी फूलों पर अभी भी टिकी हैं।