जाने कहां गये बचपन के वे दिन जब हाथ में लट्टू ले दौड़ता था लोहार की भाथी के पास काफी मिहनत के बाद तेज कर पाता था मसाला पीसने के सिलउट पर लोहे की नुकीली गूंज खेलते थे मिलजुल गाँव के सारे बच्चे अपना प्रिय खेल-' बेलाफार'।
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क्रांति का अर्थ है चेतना का जगना क्रांति का अर्थ है विद्रोह का सुलगना क्रांति का अर्थ है लोहे का अंगार बनना लोहार की भाथी में डूबना और गलना क्रांति का अर्थ कंधा और बंदूक की तलाश नहीं क्रांति का अर्थ कंधा और बंदूक बनना है!
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भालू की तरह छमा-छम जो करती आयीं, लम्बे घूँघट वाली नारियाँ कहाँ गयीं? तेली का कोल्हू, धुनिया की लम्बी धुनकी, भाथी लोहार की क्यों अपना ही सिर धुनती? टाटा बनाता है नमक से कुदाल तक, बनिया तो बेच रहा सील-बन्द दाल तक!
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जाने कहां गये बचपन के वे दिन जब हाथ में लट्टू ले दौड़ता था लोहार की भाथी के पास काफी मिहनत के बाद तेज कर पाता था मसाला पीसने के सिलउट पर लोहे की नुकीली गूंज खेलते थे मिलजुल गाँव के सारे बच्चे अपना प्रिय खेल-‘ बेलाफार ' ।