बाद में भारतीय चिकित्सा सेवा से त्यागपत्र देकर रॉस ने नवस्थापित लिवरपूल स्कूल ऑफ़ ट्रॉपिकल मेडिसिन में कार्य किया तथा मिस्र, पनामा, यूनान तथा मारीशस जैसे कई देशों मे मलेरिया नियंत्रण कार्यों मे योगदान दिया।
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वैसे इन डॉक्टरों का कृत्य भारतीय चिकित्सा सेवा नियमों के तहत न केवल दण्डनीय हैं बल्कि अनैतिक प्रेक्टिस के चलते ऐसे डॉक्टरों की सनद हमेशा के लिए जब्त किए जाने के साथ इनके विरूद्व आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जा सकता हैं।
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वैसे इन डॉक्टरों का कृत्य भारतीय चिकित्सा सेवा नियमों के तहत न केवल दण्डनीय हैं बल्कि अनैतिक प्रेक्टिस के चलते ऐसे डॉक्टरों की सनद हमेशा के लिए जब्त किए जाने के साथ इनके विरूद्व आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जा सकता हैं।