परंतु यदि कोई व्यक्ति अपने आवेदन की तारीख से ठीक पहले कम से कम छह मास भारत के राज्यक्षेत्र में निवासी नहीं रहा है तो वह इस प्रकार रजिस्ट्रीकृत नहीं किया जाएगा।
12.
अल्पसंख्यक-वर्गों के हितों का संरक्षण-(1) भारत के राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के निवासी नागरिकों के किसी अनुभाग को, जिसकी अपनी विशेष भाषा, लिपि या संस्कृति है, उसे बनाए रखने का अधिकार होगा।
13.
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (ङ) के तहत सभी नागरिकों को “ भारत के राज्यक्षेत्र के किसी भाग में निवास करने और बस जाने का ” मौलिक अधिकार प्रदान किया गया है।
14.
इसी से प्रेरित हो कर हमारे संविधान में भी नागरिकों को ' भारत के राज्यक्षेत्र के किसी भी भाग में निवास करने और बस जाने का अधिकार ' दिया गया है और इसे मूल अधिकारों में रखा गया है।
15.
13. मूल अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाली विधियाँ-(1) इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले भारत के राज्यक्षेत्र में प्रवृत्त सभी विधियाँ उस मात्रा तक शून्य होंगी जिस तक वे इस भाग के उपबंधों से असंगत हैं।
16.
(4) संसद को भारत के राज्यक्षेत्र के ऐसे भाग के लिए जो किसी राज्य के अंतर्गत नहीं है, किसी भी विषय के सम्बन्ध में विधि बनाने की शक्ति है, चाहे वह विषय राज्य सूची में प्रगणित विषय ही क्यों न हो।
17.
134. दांडिक विषयों में उच्चतम न्यायालय की अपीली अधिकारिता-(1) भारत के राज्यक्षेत्र में किसी उच्च न्यायालय की दांडिक कार्यवाही में दिए गए किसी निर्णय, अंतिम आदेश या दंडादेश की अपील उच्चतम न्यायालय में होगी यदि-
18.
स्पष्टीकरण 1-इस खंड में, '' उच्च न्यायालय '' से वह उच्च न्यायालय अभिप्रेत है जो भारत के राज्यक्षेत्र के किसी भाग में अधिकारिता का प्रयोग करता है, या इस संविधान के प्रारंभ से पहले किसी भी समय प्रयोग करता था।
19.
इनमें शामिल हैं भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, एकत्र होने की स्वतंत्रता, हथियार रखने की स्वतंत्रता, भारत के राज्यक्षेत्र में कहीं भी आने-जाने की स्वतंत्रतता, भारत के किसी भी भाग में बसने और निवास करने की स्वतंत्रता तथा कोई भी पेशा अपनाने की स्वतंत्रता.
20.
13. मूल अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाली विधियाँ-(1) इस संविधान के प्रारंभ से ठीक पहले भारत के राज्यक्षेत्र में प्रवृत्त सभी विधियाँ उस मात्रा तक शून्य होंगी जिस तक वे इस भाग के उपबंधों से असंगत हैं।