रात-दिन अथवा ऋतु-चक्र की शायद ही कोई भावभंगी ऐसी होगी, जिसका गान रवीन्द्रनाथ ने अपनी कविता में न गाया हो।
12.
अंदर-बाहर की यह आवाजाही और संक्रमणशीलता उनकी कविता-कहानी को एक नई रचनाशीलता, एक विशि ष् ट प्रकार की भावभंगी निर्मित करती है।
13.
भाषा मानो इनके हृदय के साथ जुड़कर ऐसी वशवर्तिनी हो गई थी कि ये उसे अपनी अनूठी भावभंगी के साथ साथ जिस रूप में चाहते थे उस रूप में मोड़ सकते थे।
14.
भाषा मानो इनके हृदय के साथ जुड़कर ऐसी वशवर्तिनी हो गई थी कि ये उसे अपनी अनूठी भावभंगी के साथ साथ जिस रूप में चाहते थे उस रूप में मोड़ सकते थे।
15.
यद्यपि कामतानाथ अब भी उसी जगह खड़ा था और उसकी भावभंगी से ऐसा ज्ञात होता था कि इस आज्ञा का पालन करने के लिए वह बहुत उत्सुक नहीं, पर फूलमती निश्चिंत होकर अपनी कोठरी में चली गयी।
16.
इसी मींड के द्वारा स्वर अपने अतीत के पर्याय-पर्याय के इशारों में अपने आपको दिखा रहा है, अपनी हर भावभंगी में अपने आपको अतिक्रम करके चल रहा है जैसे ही रंग के नशे में रेखा अपने आपको अतिक्रम करती है;
17.
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने हिन्दी साहित्य के इतिहास में हितैषी जी का परिचय देते हुए लिखा है-“ खड़ी बोली के कवित्तों और सवैयों में ये वही सरसता, वही लचक, वही भावभंगी लाए हैं जो ब्रजभाषा के कवित्तों और सवैयों में पाई जाती है।
18.
इस सभी रूपों में हँसी, विनोद, भड़ैंती, विचित्र वेशभूषा, विकृत भावभंगी और अभिनेताओं की हास्यक्रिया ही अधिक होती थी और जब इनमें संवाद भी जोड़ दिया जाता था तब इनमें श्लेष, अभिनेता द्वारा बीच बीच में व्यंग्य तथा विनोदपूर्ण बातें और सामयिक घटनाओं पर टिप्पणी भी होती चलती थी।
19.
इस सभी रूपों में हँसी, विनोद, भड़ैंती, विचित्र वेशभूषा, विकृत भावभंगी और अभिनेताओं की हास्यक्रिया ही अधिक होती थी और जब इनमें संवाद भी जोड़ दिया जाता था तब इनमें श्लेष, अभिनेता द्वारा बीच बीच में व्यंग्य तथा विनोदपूर्ण बातें और सामयिक घटनाओं पर टिप्पणी भी होती चलती थी।