| 11. | (ख) पाणिनि और पाणिनिकालीन भाषाशास्त्रीय चिन्तन
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| 12. | भारतीय भाषाओं के साथ हिंदी के तुलनात्मक भाषाशास्त्रीय अध्ययन के लिए
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| 13. | कश्मीरी भाषा का भाषाशास्त्रीय अध्ययन (गूगल पुस्तक ; लेखक-त्रिलोकीनाथ गंजू)
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| 14. | प्राकृतिक भाषाशास्त्रीय प्रक्रिया के अनुसार बनाए गए हैं और ऐसे शब्दरूपों को
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| 15. | भाषाशास्त्रीय इतिहास न हो, निश्चय ही वह भाषा नाम की अधिकारिणी नहीं हो
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| 16. | संक्षेप में भारतीय भाषाशास्त्रीय चिन्तन को निम्नांकित रूपों में प्रस्तुत किया जा सकता है:
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| 17. | संक्षेप में भारतीय भाषाशास्त्रीय चिन्तन को निम्नांकित रूपों में प्रस्तुत किया जा सकता है:
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| 18. | लोक और लौक में ज्यादा अंतर नहीं है, भाषाशास्त्रीय दृष्टिकोण तो आप ही बताएंगे.
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| 19. | (ख) पाणिनि और पाणिनिकालीन भाषाशास्त्रीय चिन्तनपाणिनि और उनकी अष्टाध्यायी: संसार के भाषाविज्ञानियों में पाणिनि (४५०ई.
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| 20. | कश्मीरी भाषा की उत्पत्ति और भाषाशास्त्रीय निकटता लम्बे समय से विवाद का विषय रही है।
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