योग की लोकप्रियता का रहस्य यह है कि यह लिंग, जाति, वर्ग, सम्प्रदाय, क्षेत्र एवं भाषा-भेद की संकीर्णताओं से कभी आबद्ध नहीं रहा है।
12.
जाति-भेद, रंग-भेद, लिंग-भेद, वर्ग-भेद, भाषा-भेद और शस्त्र-भेद रहित समाज का निर्माण करने वाले नेता अब ढूंढ़ने से भी नहीं मिलते।
13.
यही वह अभूतपूर्वअवसरथाजब शासन के दमन का उत्तर एक संगठित राष्ट्र के रुप में देने के लिएदेशवासीतैयार हुए--भाषा-भेद, वर्ग-भेद, प्रांत-भेद आदि सब राष्ट्रीयताकेप्रबल नद केसमक्ष तिनकों की भांति बन गए.
14.
हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने पराधीन भारत में हिन्दू-मुस्लिम में भाषा-भेद (हिन्दी-उर्दू) मिटाकर ऐक्य स्थापित करने के लिए ' राष्ट्रभाषा ' के लिए ' हिन्दुस्तानी ' शब्द का प्रयोग किया था।
15.
वैदिक साहित्य संस्कृत रचनाएँ भाषा-भेद के कारण दो अलग काल में रची गयी दिखाई पडती है-वैदिक, अर्थात् जो वैदिक संस्कृत में रची गयी, और पारंपारिक, जो वेदोत्तर काल में रची गयी ।
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संस्कृत रचनाएँ भाषा-भेद के कारण दो अलग काल में रची गयी दिखाई पडती है-वैदिक, अर्थात् जो वैदिक संस्कृत में रची गयी, और पारंपारिक, जो वेदोत्तर काल में रची गयी ।