| 11. | उनके भोजन वस्त्र आदि भौतिक सुख से लेकर पराभौतिक सुख के रूप में विविध प्राकृतिक अवयवो का भी विधान कर दिया.
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| 12. | बंगाल की भयंकर बांढ में घिरे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाना, उनके लिये भोजन वस्त्र आदि का प्रबंध स्वयं करते थे।
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| 13. | आपके दो पुत्र हैं-एक को अच्छा भोजन वस्त्र देते हैं और दूसरे को वैसा नहीं देते तो यह भेद अवश्य ही खटकने वाला होगा।
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| 14. | विवाह से पूर्व कन्या के रहने सहने, आवागमन, भोजन वस्त्र तथा समस्त आर्थिक आवश्यकताओं का पूरा करना उसके पिता अथवा भाई (या भाईयों) का कर्तव्य है।
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| 15. | भोजन वस्त्र और आवास की सुविधा देना और उसके सारे संसाधन विकसित करना फिर उनका उचित वितरण करना:-ये सारी व्यवस्था देखता था समाज का वैश्यवर्ग।
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| 16. | पर्व पर लोगो ने डुबकी लगाई और वस्त्र गरीबो ब्रहमणो को भोजन वस्त्र दखिणा का दान देकर पुण्य अर्जित कियां स्नान दान का सिलसिला दोपहर बाद तक जारी रहा।
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| 17. | मालवीय जी केवल भोजन वस्त्र में ही स्वदेशी वस्तुओं का व्यवहार नहीं करते थे, अपितु जहां तक भी बन पड़ता था वे स्वदेशी भावना के पूर्ण पक्षपाती थे।
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| 18. | विवाह से पूर्व कन्या के रहने सहने, आवागमन, भोजन वस्त्र तथा समस्त आर्थिक आवश्यकताओं का पूरा करना उसके पिता अथवा भाई (या भाईयों) का कर्तव्य है।
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| 19. | यह कौन नहीं चाहेगा उसको मिले प्यार यह कौन नहीं चाहेगा भोजन वस्त्र मिले यह कौन न सोचेगा हो छत सर के ऊपर बीमार पड़ें तो हो इलाज थोड़ा ढब से
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| 20. | भोजन वस्त्र को सभ्यता माना जाता हो, तो सुविधा और साधनों की दृष्टि से वह अलग भी रह सकता है ; पर संस्कृति समस्त मानव जाति की एक होगी ।।
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