| 11. | सूर्य पृथ्वी के सबसे निकट का और सबसे अधिक चमकीला तारा है, जो प्रेक्षणीय मंडलक प्रदर्शित करता है।
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| 12. | सूर्य पृथ्वी के सबसे निकट का और सबसे अधिक चमकीला तारा है, जो प्रेक्षणीय मंडलक प्रदर्शित करता है।
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| 13. | ने सन् 1902 में खगोलभौतिकी जर्नल में एक लेख प्रकाशित किया जिसमें उन्होंने सौर मंडलक के छोर (
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| 14. | आरंभ में मनुष्य की धारणा थी कि पृथ्वी समुद्रों, नदियों और पहाड़ों से युक्त एक चौरसतल अथवा एक वृत्ताकार मंडलक (disc)
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| 15. | तीन समांतर पटरियों पर लुढ़कनेवा के तीन घिर्रीदार पहियों के ऊपर सधे हुए एक चौखटे पर यह मंडलक चढ़ा रहता है।
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| 16. | जब एक मंडलक को घुमाते हैं तब डोरकों से परिक्रम अतिपरवलयज का और सीमांत अवस्था में द्विशंकु का पृष्ठ बनता है।
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| 17. | अवकल विश्लेषकों में मूल प्राथमिक युक्ति वही मंडलक और पहिया समाकलक वाली है जो आरंभ के क्षेत्रमापियों में प्रयुक्त हुई थी।
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| 18. | आरंभ में मनुष्य की धारणा थी कि पृथ्वी समुद्रों, नदियों और पहाड़ों से युक्त एक चौरसतल अथवा एक वृत्ताकार मंडलक (
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| 19. | सन् १८६० में वेटली स्पर्क ने एक क्षेत्रमापी बनाया, जिसमें घूर्णनशील क्षैतिज वृत्तीय मंडलक (disc) पर आलेखक बेलन विराम किए रहता है।
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| 20. | लिपटे हुए और छड़ के सिरों पर बँधे हुए पतले तार द्वारा मंडलक को छड़ के अनुदैर्ध्य विस्थापन के समानुपात में कोणीय संचलन मिलता है।
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