विदाई के रूप में मगरमच्छ के आँसू भी बहा लिये और मन ही मन खुश भी हो लिये कि चलो एक प्रतिद्वन्दी से तो जान छूटी, नाक में दम कर रखा था साले ने?
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आखिर सरकार की छवि पर कालिख पोतने का ये मौका हाथों से क्यों जाय? उनके चेहरे पर मगरमच्छ के आँसू कहीं से अचानक आ गये जिन्हें सहेजे सहेजे उन्होंने सारे जिले का दौरा किया।
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' ' मगरमच्छ ने कुछ मगरमच्छ के आँसू बहाए और बोला, ‘‘ प्यारे दोस्त, तुम जिस नाक से बोल रहे हो उसे तुमने अगर अभी खींचकर बाहर नहीं निकाला तो मैं तुम्हारा भुरता बना दूँगा।
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विदाई के रूप में मगरमच्छ के आँसू भी बहा लिये और मन ही मन खुश भी हो लिये कि चलो एक प्रतिद्वन्दी से तो जान छूटी, नाक में दम कर रखा था साले ने?....सीधी...खरी एवं निष्पक्ष बात
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मेरी बात का इन्हें जब कोई जवाब नहीं सूझता तो ये मगरमच्छ के आँसू बहुत सुन्दर ढंग से रोते हुए मम्मा ज़ील के पहलू में छुप जाते हैं और वहाँ से मॉडरेशन ऑन करवाकर उसकी आड़ में मुझे गरियाते हैं।
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अच्छी प्रथा है! विदाई के रूप में मगरमच्छ के आँसू भी बहा लिये और मन ही मन खुश भी हो लिये कि चलो एक प्रतिद्वन्दी से तो जान छूटी, नाक में दम कर रखा था साले ने? हमसे आगे निकल जाना चाहता था ब्लोगरी में।
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अवधिया जी, बात तो ठीक है किन्तु प्रतिक्रियाओं में यह गलफहमी सामने आ रही है कि विदाई के रूप में मगरमच्छ के आँसू भी बहा लिये और मन ही मन खुश भी हो लिये कि चलो एक प्रतिद्वन्दी से तो जान छूटी, नाक में दम कर रखा था साले ने?
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' विक्की' बाबू 'विक्की' बाबू ने की, घर की सब बातें लीक, मित्रवत जो लगते,था उनका चलन न ठीक, मगरमच्छ के आँसू लेकर गम में हुए शरीक, बाम लगाते रहे दर्द पर,बनकर जनाब शरीफ़, दगाबाजों की पोल खोल,गुम की सिट्टि पिट्टी, बेनकाब कर दिए चेहरे, वाह रे बाबू 'विक्की'।
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सभी मनुष्यों में व्याप्त आँसू और हँसी की भाषा मैंने ठीक से सीख ली थी, मगर उसमें भी लफड़ा! कभी कोई मगरमच्छ के आँसू बहाता, तो कोई खुशी के आँसू! कोई खुशी से हँसता, कोई मजाक करने के लिए, तो कोई शरारत से हँसता।