क्या हम यह समझें कि अपनी फिल्म में अपना मज़ाक बनाना और अपनी ही टांग खींचना एकता का अपने दुश्मनों को सबक सीखाने जैसा है?
12.
जहां एक न्यूज़ चैनल आरुषि की मौत की खबर को ये कहकर दिखाना बंद कर रहा था कि वो दो लोगों की मौत का मज़ाक बनाना नहीं चाहता....
13.
किसी की श्रद्धा और धर्म का मज़ाक बनाना, अश्र्द्धालुओं को कभी शोभा नहीं देता जो भी ऐसा करता है वह देर सबेर जगहंसाई का कारण बनता ही है!
14.
मुंबई हमले के आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाना तो दूर…पाकिस्तान ने इसको लेकर सौंपे गए दस्तावेजों को लेकर ही मज़ाक बनाना शुरू कर दिया और ये आज भी जारी है।
15.
पर आपने उसमें से एक भी सवाल का जवाब देने की जगह अपने ब्लॉग पर मेरा मज़ाक बनाना शुरू कर दिया? क्या यही सलीका होता है, गंभीर पत्रकारिता का??? वैसे भी यह मेरा शौक नहीं है.
16.
जहां एक न्यूज़ चैनल आरुषि की मौत की खबर को ये कहकर दिखाना बंद कर रहा था कि वो दो लोगों की मौत का मज़ाक बनाना नहीं चाहता.... वहीं दूसरी तरफ बाकी चैनल मसालों के साथ खबर को बेच रहे थे।
17.
निम्न मध्यम परिवार मे पले युसुफ़ पठान अगर आर्थिक कारणो से अग्रेज़ी मध्यम के स्कूल मे नही पढ़ सके तो इसमे युसुफ़ पठान का क्या कसूर है, रवि शास्त्री को उनसे हिंदी मे सवाल पूछना था ना की उनका मज़ाक बनाना था
18.
विधर्मियों के लिए, हज़ारों वर्ष पूर्व की परिस्थितियों में लिखी गयीं, अन्य धर्मों की पवित्र पुस्तकें पढ़कर, उनकी मज़ाक बनाना बेहद आसान हो जाता है, और आजकल यह कुछ तथाकथित विद्वानों की मेहनत के कारण और भी आम होता जा रहा है!
19.
विधर्मियों के लिए, हज़ारों वर्ष पूर्व की परिस्थितियों में लिखी गयीं, अन्य धर्मों की पवित्र पुस्तकें पढ़कर, उनकी मज़ाक बनाना बेहद आसान हो जाता है, और आजकल यह कुछ तथाकथित विद्वानों की मेहनत के कारण और भी आम होता जा रहा है!
20.
विधर्मियों के लिए, हज़ारों वर्ष पूर्व की परिस्थितियों में लिखी गयीं, अन्य धर्मों की पवित्र पुस्तकें पढ़कर, उनकी मज़ाक बनाना बेहद आसान हो जाता है, और आजकल यह कुछ तथाकथित विद्वानों की मेहनत के कारण और भी आम होता जा रहा है! मैंने जब ब्लागिंग शुरू की थी...