| 11. | दुनिया सिर्फ मत्स्य न्याय के शिकंजे में फंसी शुरू से तड़प रही है।
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| 12. | उस वर्ग में मत्स्य न्याय (कि ताकतवर कमजोर को खा जाते हैं)
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| 13. | मत्स्य न्याय ही चलता था, जंगल का कानून ही मनुष्य भी पालते थे ।।
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| 14. | मत्स्य न्याय की अति से उस समय की सामाजिक राज्य विहीन व्यवस्था का अंत हुआ।
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| 15. | न्यायमूर्ति मार्कडेय काटजू के शब्दों में इसे मत्स्य न्याय की संज्ञा दी जा सकती है।
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| 16. | उस वर्ग में मत्स्य न्याय (कि ताकतवर कमजोर को खा जाते हैं) प्रचलित था।
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| 17. | आजकल संसार में जो मत्स्य न्याय चल पड़ा है, वह भी आसुरी वृत्ति का खेल है ।
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| 18. | यदि न्याय न हो और समय पर न हो तो समाज में मत्स्य न्याय स्थापित होने लगता है।
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| 19. | मत्स्य न्याय का सिद्धांत हर जगंह देखने में आता हैअपराध बड़े करते हैं दोष छोटों पर मढ़ दिया जाता है
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| 20. | संवेदना से दूर हो चुके हम इतने कि सुपची संस्कृति हमें स्वाभाविक लगती है और मत्स्य न्याय को नियति हमने स्वीकारी है
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