ऐसे सहारे अंततः बहुत हानिकारक होते हैं और अल्पग्लूकोज़रक्तता या निम्न रक्त शर्करा तथा मदात्यय जैसी बीमारियों में परिणीत हो सकते हैं।
12.
इसे देशकाल और रोगी की दशानुसार सेवन करने से ज्वर मदात्यय, दाहकता या सीने की जलन, अतिसार आदि में लाभ होता है।
13.
लगातार शराब पीते रहने से आप सिर्फ़ सिरोसिस ही नहीं कमाते बल्कि मदात्यय (Delirium Tremens) नामक रोग भी हो जाता है ।
14.
इसलिए ईसा की छठी शताब्दी सेपूर्व अर्श चिकित्साध्याय १४ वां, अतीसार १९ वां, विसर्प २१ वां, मदात्यय २४वां और द्विब्रणीय २५ वां अध्याय बना दिये गये थे.
15.
यही कारण है, कि कुछ लोगों द्वारा अधिक पीने के कारण होने वाली समस्याओं का समाधान भी आचार्य चरक ने मदात्यय नामक अध्याय में वर्णित किया है।
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पीना सलामती जाम पीईना पीईना बीमारी की हालत मदात्यय सोख लेना पीनार / पान करना सलामती जाम पीईना पेय पदार्थ बीमारी की हालत शराब पीना मदिरा पान करना पेय या शरबत मद शराब पीना
17.
मूर्च्छा, पित्त के रोग, ऊष्ण काल, दाह, विष के रोग, मदात्यय, भ्रम, क्लम, तमक श्वास, वमन, इन सभी मे शीतल जल प्रशस्त है।
18.
परिणाह तंत्रिका (peripheral nerves) पर मदिरा का कोई प्रभाव नहीं पड़ता, पर दीर्घकालीन मदात्यय (alcoholism) की दशा में आँतों द्वारा विटामिन बी का पूरा अवशोषण न हो सकने का कारण परिणाह शोथ और हृत्पेशी विस्तारण (myocardial dilatation) के लक्षण मिलने लगते हैं।
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मदात्यय या एल्कोहलिसम: शराब की लत का संकेत,शराब का एक अनिवार्य आभ्यासिक सेवन होता हैl यह ऐसे कि व्यक्ति द्वारा इस आदत को आसानी से छोड़ना संभव नहीं है, कभी कभी भी जब पीने के प्रतिकूल प्रभाव स्वास्थ्य, परिवार और सामाजिक जीवन को प्रभावित होना आरंभ हो जाता है तब भी यह नहीं छूट सकतीl
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मदात्यय या एल्कोहलिसम: शराब की लत का संकेत, शराब का एक अनिवार्य आभ्यासिक सेवन होता हैl यह ऐसे कि व्यक्ति द्वारा इस आदत को आसानी से छोड़ना संभव नहीं है, कभी कभी भी जब पीने के प्रतिकूल प्रभाव स्वास्थ्य, परिवार और सामाजिक जीवन को प्रभावित होना आरंभ हो जाता है तब भी यह नहीं छूट सकतीl