लिम्नोपिथीकस (Limnopithecus)-पूर्वी अफ्रीका के मध्यनूतन युगीन स्तरों में पाया गया जीवाश्म वर्तमान गिब्बन से काफी मिलता जुलता है।
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मध्यनूतन कल्प के शैलसमूह यूरोप, एशिया, ऑस्टे्रलिया, न्यूज़ीलैंड, उत्तरी एवं दक्षिणी अमरीका, मेक्सिको और उत्तरी अफ्रीका में पाए जाते हैं।
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मध्यनूतन कल्प के शैलसमूह यूरोप, एशिया, ऑस्टे्रलिया, न्यूज़ीलैंड, उत्तरी एवं दक्षिणी अमरीका, मेक्सिको और उत्तरी अफ्रीका में पाए जाते हैं।
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यहाँ मध्यनूतन (मायोसीन) युग को छोड़कर प्रत्येक युग की चट्टानें मिलती हैं जिनसे स्पष्ट है कि इस भाग ने बड़े भूवैज्ञानिक उथल पुथल देखें हैं।
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यहाँ मध्यनूतन (मायोसीन) युग को छोड़कर प्रत्येक युग की चट्टानें मिलती हैं जिनसे स्पष्ट है कि इस भाग ने बड़े भूवैज्ञानिक उथल पुथल देखें हैं।
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मध्यनूतन युग के कपियों में केवल ड्रायोपिथीकस को ही मानव विकास की दिशा की ओर अग्रसर कहा जा सकता है, क्योंकि इसके दाँतों के दंताग्रो (
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सच तो यह है कि मध्यनूतन युग के स्तरों में पाए जानेवाले सभी जीवाश्मों में रदनक लंबे, नुकीले और निकले हुए हैं, जो मानवविकास का लक्षण नहीं है।
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इस महाकल्प का सामयिक विभाजन जीवविकास के आधार पर, सर चार्ल्स लॉयल ने 1833 ई में तीन भागों, आदिनूतन (Eocene), मध्यनूतन (Miocene) और अतिनूतन (Pliocene) में किया था।
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सच तो यह है कि मध्यनूतन युग के स्तरों में पाए जानेवाले सभी जीवाश्मों में रदनक लंबे, नुकीले और निकले हुए हैं, जो मानवविकास का लक्षण नहीं है।
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नामक जीववैज्ञानिक कुल की आख़री जीवित जाति थी क्योंकि अन्य सभी जातियाँ मध्यनूतन युग, यानि आज से ५० लाख वर्ष पूर्व, के अंत तक पहले ही विलुप्त हो चुकी थीं।