आज की मंत्रि-परिषद् की बैठक में इसके लिये किसानों की तरफ से सहकारी समितियों को 11 प्रतिशत के मान से ब्याज अनुदान देने, नाबार्ड के दिशा-निर्देश के अंतर्गत मध्यावधि ऋण परिवर्तन की राशि का 15 प्रतिशत अंशदान जिला सहकारी बैंकों को देने का निर्णय लिया गया।
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विपणन ऋण: मार्केटिंग ऋण के मामले में ऋण की तारीख से 4 माह की अवधि के भीतर भुगतान किया जाता है मध्यम मीयादी ऋण: किसान द्वारा उगाये गये पौधों/बागान की किस्म पर निर्भर करते हुए (प्रारम्भिक अवधि सहित) ऋण की चुकौती मध्यावधि ऋण से 4-1 5 वर्षों के बीच की जा सकती है ।
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ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों की वित्तीय समस्याओं को ध्यानगत रखते हुए कलेक्टर शर्मा ने सभी बैंकर्स को ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की ऋण राशि को मध्यावधि ऋण में परिवर्तन किए जाने के निर्देश दिए साथ ही प्रभावित किसानों को नया केसीसी कार्ड अगली फसल लेने हेतु स्वीकृत किया जायें के सुझाव पर समस्त बैंकर्स नोड्ल अधिकारियों द्वारा सहमति व्यक्त की गई।