| 11. | मय रहे मीना रहे गर्दिश में पैमाना रहे मेरे साक़ी तू रहे आबाद मयख़ाना रहे
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| 12. | गीत # २०-गीत-वो बुतख़ाना ये मयख़ाना गीत, गायकी और संगीत सभी बढिया ।
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| 13. | रॉबिन हुड सराय 124 और 126 मोंनो स्ट्रीट में स्थित एक मध्ययुगीन मयख़ाना (पब) है।
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| 14. | इस पोस्ट को आप एक तरह से ' मयख़ाना ' का विज्ञापन भी समझ सकते हैं.
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| 15. | ' मयख़ाना ' उनका अपना ब्लॉग है जहां आप उनकी बहुआयामी प्रतिभा की झलक देख सकते हैं.
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| 16. | मैं को मय मिली, मयख़ाना आबाद हुआ, साकी को ज़न्नत मिली, घर अपना बर्बाद हुआ।
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| 17. | मुनव्वर सरहदी-मुझे आदाबे मयख़ाना को ठुकराना नहीं आता वो मयकश हूँ जिसे पी कर बहक जाना नहीं आता।
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| 18. | मुनव्वर सरहदी-मुझे आदाबे मयख़ाना को ठुकराना नहीं आता वो मयकश हूँ जिसे पी कर बहक जाना नहीं आता।
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| 19. | पिछले तीन दशकों से भारत के बाहर हिन्दी की अलख जगाए रखने वाले प्रोफ़ेसर को मयख़ाना सैल्यूट करता है ।
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| 20. | -वहशत गौंडवी निकल कर दैर-ओ-काबा से अगर मिलता न मयख़ाना, तो ठुकराये हुए इन्सां, ख़ुदा जाने कहां जाते ।
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