ज्ञाति प्रमोद निरतो मुखरो कुचैलो नीचः भवति सदा भीतियुतश्चिरायु ” अर्थात जिसकी कुंडली में केमद्रुम योग होता है वह पुत्र कलत्र से हीन इधर उधर भटकने वाला, दुःख से अति पीड़ित, बुद्धि एवं खुशी से हीन, मलिन वस्त्र धारण करने वाला, नीच एवं कम उम्र वाला होता है.