|  | 11. | संत कबीर वाणी: पंडित और मशालची को कुछ नहीं सूझता 
 
 | 
|  | 12. | ऐसा ही मुहावरा है, तेली का तेल जले, मशालची की.... । 
 
 | 
|  | 13. | इस बुझावन मशालची को एक ही कनस्तर में आँख फट रहा है। 
 
 | 
|  | 14. | कहानी ऐसे बनी-17:: तेल जले तेली का आँख फटे मशालची का 
 
 | 
|  | 15. | यह तो वही बात हुई-तेली का तेल जले, मशालची का दिल:) 
 
 | 
|  | 16. | यह तो वही बात हुई-तेली का तेल जले, मशालची का दिल:) 
 
 | 
|  | 17. | देसिल बयना भाग 16: तेल जले तेली का आँख फटे मशालची का 
 
 | 
|  | 18. | इन्हीं पंद्रह आदमियों में से दो आदमी मशालची का काम दे रहे थे। 
 
 | 
|  | 19. | मशालची दूसरों को रोशनी दिखाता है, खुद अंधेरे में रह जाता है। 
 
 | 
|  | 20. | दृश्य संख्या 5-बाप रे बाप-तेली का तेल जले और मशालची की……….! 
 
 |