जब वास्तविक कारक में कुछ प्रतिकूल परिवर्तन कुल आपूर्ति वक्र को बाएं हटाता है उसी समय वह अनुपयुक्त मौद्रिक नीतियां कुल मांग वक्र को दाईं ओर हटाती हैं, तो परिणाम मुद्रास्फीतिजनित मंदी होती है.
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[23] जब वास्तविक कारक में कुछ प्रतिकूल परिवर्तन कुल आपूर्ति वक्र को बाएं हटाता है उसी समय वह अनुपयुक्त मौद्रिक नीतियां कुल मांग वक्र को दाईं ओर हटाती हैं, तो परिणाम मुद्रास्फीतिजनित मंदी होती है.
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अतः जिस बिन्दु पर सीमांत लागत वक्र, विक्रेता के मांग वक्र को काट कर उसके ऊपर चला जाता है, उस बिन्दु के पार उत्पादन करने से विक्रेता को अपना उत्पाद लागत से कम भाव पर बेचना होगा।
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मॉडल में (अर्थात आय और बचत का संतुलन/नकदी तरजीह तथा मुद्रा आपूर्ति संतुलन मॉडल),माल और ब्याज के लिए आपूर्ति और मांग वक्र रेखा में परिवर्तन, विशेषकर मांग के स्तर में कुल गिरावट के कारण अपस्फीति आती है.
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अतः जिस बिन्दु पर सीमांत लागत वक्र, विक्रेता के मांग वक्र को काट कर उसके ऊपर चला जाता है, उस बिन्दु के पार उत्पादन करने से विक्रेता को अपना उत्पाद लागत से कम भाव पर बेचना होगा।
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IS / LM मॉडल में (अर्थात आय और बचत का संतुलन/नकदी तरजीह तथा मुद्रा आपूर्ति संतुलन मॉडल),माल और ब्याज के लिए आपूर्ति और मांग वक्र रेखा में परिवर्तन, विशेषकर मांग के स्तर में कुल गिरावट के कारण अपस्फीति आती है.