लेकिन ठीक यहीं हम देखते हैं कि मानवाभ से मानवाभ वानरों के अविकसित हाथ और लाखों वर्षों के श्रम द्वारा अति परिनिष्पन्न मानव हाथ सैंकड़ों ऐसी क्रियाएँ संपन्न कर सकते हैं जिन का अनुकरण किसी भी वानर के हाथ नहीं कर सकते।
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लेकिन ठीक यहीं हम देखते हैं कि मानवाभ से मानवाभ वानरों के अविकसित हाथ और लाखों वर्षों के श्रम द्वारा अति परिनिष्पन्न मानव हाथ सैंकड़ों ऐसी क्रियाएँ संपन्न कर सकते हैं जिन का अनुकरण किसी भी वानर के हाथ नहीं कर सकते।
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एम्मेट वाल्श) उसे बताता है कि अनेक रेप्लिकैंट्स-जैविक रूप से बनाए गये मानवाभ मशीन (humanoid) जो दुनिया बाहर के उपनिवेशों में सैनिक और गुलाम की तरह कार्यरत थे-भाग खड़े हुए हैं, और अविध रूप से पृथ्वी पर चले आये हैं.