| 11. | मानव-समाज का इतिहास वर्ग-संघर्षो काइतिहास है.
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| 12. | सकती है; बल्कि (चरमावस्था में) मानव-समाज को छोडक़र पशु-पक्षियों और
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| 13. | के निवासी सहसा एक गति-युत, कर्म-रत, परम्परा-सम्पन्न जीवन्त मानव-समाज के
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| 14. | सभ्य मानव-समाज में उसे मांगलिक स्तर प्रदान किया गया है।
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| 15. | वह मानव-समाज का एक अंश भी हो सकती है, और
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| 16. | वास्तव में मानव-समाज के लिए जाति-पाति का भेदभाव व्यर्थ है।
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| 17. | मानव-समाज स्थिर कभी नहीं रहा है।
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| 18. | और यहाँ फिर वानर-दल एवं मानव-समाज मं हम क्या विशेष
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| 19. | सत्यवचन और संयत व्यवहार ही मानव-समाज में अमृत घोलते हैं।
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| 20. | क्योंकि संघर्षपरक, समाज-सापेक्ष, लोकमंगलकारी मूल्य मानव-समाज को आगे बढाते हैं।
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