ज्ञान भाई के लिए, अगर आप किसी होमिओपैथ को नज़दीकी से जानते हों तो उन्हें देखियेगा! होमिओपैथी में किसी भी बीमारी की चिकित्सा संभव है अगर रोगी की मानसिक चित्रण ठीक दिया जाए! एक बार सही जानकारी के बाद रोगी की चिकित्सा आसानी से की जा सकती है सिर्फ होमिओपैथी की जानकारी ठीक तरह से होनी चाहिए! ईश्वर उन्हें स्वस्थ और प्रसन्नचित्त बनाये रखे!
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वाकई मानसिक चित्रण का यह बेहतरीन अनुभव इसी निर्देशक से अपेक्षित हैं … क्या संकेत है … दरिया के इस पार अपने कृष्ण को निहारती राधा, लेकिन राज तो मिल भी नहीं सकता था सकीना से क्योंकि वह तो सपना था गुलाबों का (“ गुलाबों के मन का कृष्ण ”) जिसे वह अपने पास तो नहीं ला सकती किंतु उसे किसी के साथ बांटना भी नहीं है।