आज प्रश्न यह नहीं है कि कोई ए. र ाजा है, कोई कलमाड़ी है बल्कि प्रश्न यह है कि कौन कलमाड़ी और ए.र ाजा नहीं है? ऐसा माना जा रहा है कि या तो वह पकड़ा नहीं गया है या फिर कुछ मानसिक दोष है जिसके तहत वो अभी भी ईमानदार है।
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इनमें शामिल हैं-1 कायिक दोष (बिना दी हुई अननुमत वस्तुओं को हड़पलेना, अविवाहित हिंसा करना तथा परस्त्रियों से अवैध संबंध बनाना 2-वाचिक दोष (कठोर वाणी बोलना, असत्य भाषण करना, चुगलखोरी करना तथा अनर्गल प्रलाप करना), 3-मानसिक दोष (पराये धन का लालच, मन ही मन किसी के विरूद्ध अनिष्ट चिंतन तथा नास्तिक बुद्धि) ।
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लेकिन दोस्तों आज हमारी सामजिक सोच इतनी अव्यवस्थित हो चुकी है जिसके चलते ये हिन्दुस्तानी कलम वो सब कुछ लिखने के लिए इतनी मजबूर हो चुकी है जो हमारे मानसिक दोष थे, हैं और रहेंगे भी अगर हालात ऐसे ही रहे लेकिन दोस्तों इस सोच का भी दावा है कि ये सोच तब तक अपनर अंतिम उदेश्य कि तरफ नहीं बढ़ेगी जब तक हिंदुस्तान कल्याण का मार्ग नहीं अपना लेता l