इस आधार पर प्रशिक्षार्थी संक्रिया का एक प्रेरक-संवेदी बिंब और उसकी वस्तुसापेक्ष-बौद्धिक धारणा, यानि क्रिया का मानसिक मॉडल बनाता है, जो उसके निष्पादन का नियमन तथा नियंत्रण करता है।
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मानसिक मॉडल, व्यक्तिगत खुशी, संभावनाओं, संतोष, स्व मान्यकरण, सो जाओ, सामाजिक छवि, कपट, बीस साल, महिला, युवा आदमी, छोटे आदमी
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यह आसानी से तथ्य यह है कि मिलावट मानसिक मॉडल है वह उसके जीवन में यात्रा के लिए मार्गदर्शन प्रणाली के रूप में स्थापित किया है की एक उच्च मात्रा के लिए नीचे टूट सकता है के द्वारा समझाया जाना चाहिए.
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दूसरी ओर, आंतरिक (मानसिक) सक्रियता का निदेशन व नियंत्रण बाह्य सक्रियता करती है, जो वस्तुओं तथा प्रक्रियाओं के गुणधर्मों को प्रकाश में लाती है, उनका लक्ष्योद्दिष्ट रूपांतरण करती है और बताती है कि मानसिक मॉडल कहां तक पूर्ण हैं और क्रियाएं व उनके परिणाम उनके प्रत्ययात्मक बिंबों से कहां तक मेल खाते हैं।