उस ब्लॉग को पढ़ने के बाद भी आपका यह आधा-अधूरा और बड़े हद तक मिथ्यापूर्ण पत्र आने का अर्थ ये हुआ कि आपकी नीयत में जरुर कोई न कोई खोट है.
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कुछ मायनों में तो उन्होंने महादेवी वर्मा से भी अच्छा लिखा, पर स्वकुल की मिथ्यापूर्ण महिमा के गुणगान व परकुल के लिए गाली की हद तक प्रयुक्त किये गए शब्द व वाक्यों के कारण उनका समस्त लेखन ही दोषपूर्ण माना गया।
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उपरोक्त के अवलोकन से डी0डब्लू0-1 उदयराज सिंह जोकि आरोपित रोडवेज महानगरी बस संख्या-यू0पी0-70 ए0टी0 / 2860 का चालक है द्वारा दिये गये साक्ष्य मिथ्यापूर्ण हो जाता है जिसमें उक्त गवाह ने यह कहा है कि मोटरसायकिल डिवाईडर में टकराकर बस में लड़ गया था।
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दूसरा: बुतों और मूर्तियों की पूजा करने वाले मूर्तिपूजकों बल्कि ईसाईयों की-भी-समानता में पड़ने से बचना जिन्हों ने अपने चर्चों को मसीह अलैहिस्सलाम और उनकी माँ मरियम अलैहस्सलाम की छवियों और चित्रों से झूठ और मिथ्यापूर्ण भर रखा है।
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यह विधि का सुस्थापित सिद्वान्त है कि यदि एकल साक्षी के मामले में यदि उसका बयान पूर्णया मिथ्यापूर्ण हो तो उसपर विश्वास नहीं किया जा सकता है, यदि उसके कुछ भाग मिथ्यापूर्ण एवं कुछ सत्य हो तो उसकी सम्पुष्टि अन्य साक्ष्यों से होना आवश्क है।
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यह विधि का सुस्थापित सिद्वान्त है कि यदि एकल साक्षी के मामले में यदि उसका बयान पूर्णया मिथ्यापूर्ण हो तो उसपर विश्वास नहीं किया जा सकता है, यदि उसके कुछ भाग मिथ्यापूर्ण एवं कुछ सत्य हो तो उसकी सम्पुष्टि अन्य साक्ष्यों से होना आवश्क है।
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परिवादी का यह भी आरोप है कि आडवाणी समेत तीन सांसदों ने गत 22 जुलाई को संसद भवन के बाहर तमाम इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के सामने बयान देकर समाजवादी पार्टी तथा सपा नेताओं व कार्यकर्ताओं की मानहानि करने व जनता की नजर में गिराने की नीयत से कथित मिथ्यापूर्ण बयान दिया, जो राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से दिया गया, जिससे सपा व उसके कार्यकर्ताओं की प्रतिष्ठा धूमिल हुई।
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कांग्रेस द्वारा आज़ाद भारत में प्रायोजित शिक्षा पद्धति और उसमे निहित मिथ्यापूर्ण इतिहास ने भारतीयों के स्वाभिमान, सदाचार और स्वाविलम्बी विचारधारा पर गहरा प्रहार किया है आज हम जाने अनजाने पाश्चात्यवाद के हितो के पोषक बन गए है, हमारे बहुत से अभिभावक ऐसा सोचते है की इस पाश्चात्यावादी व्यवस्था के सिवा हमारे बच्चो का भविष्य अंधकारमय है इस कारणवष वे अंग्रेजी को एक भाषा से कही अधिक महत्वपूर्ण स्थान दे रहे है!
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कांग्रेस द्वारा आज़ाद भारत में प्रायोजित शिक्षा पद्धति और उसमे निहित मिथ्यापूर्ण इतिहास ने भारतीयों के स्वाभिमान, सदाचार और स्वाविलम्बी विचारधारा पर गहरा प्रहार किया है आज हम जाने अनजाने पाश्चात्यवाद के हितो के पोषक बन गए है, हमारे बहुत से अभिभावक ऐसा सोचते है की इस पाश्चात्यावादी व्यवस्था के सिवा हमारे बच्चो का भविष्य अंधकारमय है इस कारणवष वे अंग्रेजी को एक भाषा से कही अधिक महत्वपूर्ण स्थान दे रहे है!