खाद्य सम्प्रभुता एवं जलवायु परिवर्तन के दौर में एकल (मोनोकल्चर) फसलों को खाद्य सुरक्षा व पर्यावरण के लिये खतरा मानते हुए बारहनाजा जैसी मिश्रित फसल पद्धति को आदर्श माना गया।
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इसलिए इन्हें मिलाकर मिश्रित फसल या अंतरवर्ती फसल पद्धति से उगाए जाने पर मिट्टी, मौसम, पोषण, सिंचन, कीड़े और रोग संबंधी जोखिम भी कम होने की संभावना रहती है।
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किसानो से अनुरोध है कि एकल फसल प्रणाली के अतिरिक्त मिश्रित फसल प्रणाली और पशुपालन के लिये भी विचार करेँ अखबारो मे अखबारो मे अखबारो मे आम हुये है खास खास चरचे खास खास चरचे ।
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सीढ़ीदार खेत हैं, एकल फसल होगी तो भूक्षरण या भूस्खलन होगा, इसलिए बारहनाजा जैसी मिश्रित फसल प्रजातियों खासकर मिट्टी को बांधने वाली मंडुआ, झंगोरा, कौणी, रामदाना व कुट्टू आदि उगाते हैं।