| 11. | उन्होंने अपनी राग अदायगी में जिस एक चीज़ पर सर्वाधिक मेहनत की है, वह उनका मींड़ का काम है.
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| 12. | बिस्मिल्ला खाँ की मींड़, जो उनकी वादन कला का सबसे सशक्त पक्ष बन गयी है, देखने लायक है.
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| 13. | लगता है कि बिस्मिल्ला खाँ मींड़ लेते वक्त शहनाई नहीं बजा रहे, बल्कि शरीर के किसी घाव पर मरहम कर रहे हैं.
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| 14. | राग पूरिया की तुलना में राग मारवा में मींड़ के बजाय सीधे स्वरों का सपाट प्रयोग अधिक करके भाव स्पष्ट किया जाता है।
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| 15. | इस राग में मींड़ एवं गमक को कसे हुए ढंग से मध्यलय में प्रस्तुत करने से राग का भाव अधिक मुखरित होता है।
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| 16. | मींड़ (एक सुर से दूसरे सुर तक बिना टूटे हुए जाना) के काम में बिस्मिल्ला खाँ की कला का कोई सानी नहीं है.
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| 17. | सा और रे का फर्क करने की तमीज़ उन्हें मींड़ को बरतने के व्याकरण के सन्दर्भ में ही बचपन से सिखायी गयी थी.
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| 18. | लगता है कि बिस्मिल्ला खाँ मींड़ लेते वक्त शहनाई नहीं बजा रहे, बल्कि शरीर के किसी घाव पर मरहम कर रहे हैं.
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| 19. | वादन के समय मींड़ लेते वक्त वे सुरों में जो मोड़, घुमाव और दैवीय स्पर्श महसूस कराते हैं वह सुनने वाले को अपूर्व अनुभव देता है.
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| 20. | मींड़ (एक सुर से दूसरे सुर तक बिना टूटे हुए जाना) के काम में बिस्मिल्ला खाँ की कला का कोई सानी नहीं है.
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