| 11. | 1 क्या क़ियामत के दिन मीज़ान (तराज़ू) के ज़ुबान होगी.
|
| 12. | (तफ़सीरे नमूना) तफ़सीरे अल मीज़ान में है:
|
| 13. | मीज़ान शअरानी मतबुआ मिस्र जिल्द जिल्ददार पेज 10 मे हैं कि-
|
| 14. | में कहा है: मीज़ान के दो पलड़े और ज़ुबान हैं।
|
| 15. | मीज़ान शअरानी मे मतबुआ मिस्र जिल्द जिल्ददार पेज 51 मे हैं कि-
|
| 16. | जर की मीज़ान पे तुलती है हर औकात यहाँ-ख्वाब अकबराबादी
|
| 17. | का कहना है कि: मीज़ान के ज़ुबान होगी, और इसके बारे में
|
| 18. | (तफ़सीरे अल मीज़ान) मुश्रिकों से घृणा करना, गाली नही है।
|
| 19. | “ मीज़ान ” इसके तो नाम से ही इस के मअना ज़ाहिर है।
|
| 20. | और वह एक वास्तविक मीज़ान है, उसके दो पलड़े होंगे, एक पलड़े में नेकियाँ
|