इस पोस्ट का मकसद अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के दोगले पक्षधरों का मुँह बन्द करना था, साथ ही यह बताना भी है कि कभी भी कोई हिन्दू व्यक्ति किसी दूसरे धर्म के आराध्य का अपमान नहीं कर सकता, असली सेकुलर वही होता है जो “हिन्दू” हो…:)
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उसने दो-एक बार होंठों पर हाथ रखकर निर्मला का मुँह बन्द करना चाहा, तो वह और भी ज़ोर से चिल्लाने लगी, “ तुम मेरा मुँह बन्द करना चाहते हो? मेरा गला घोटना चाहते हो? मुझे मारना चाहते हो? तुम्हें पता है मैं देवी हूँ? मेरे चारों भाई चार शेर हैं! वे तुम्हें नोच-नोचकर खा जाएँगे।
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उसने दो-एक बार होंठों पर हाथ रखकर निर्मला का मुँह बन्द करना चाहा, तो वह और भी ज़ोर से चिल्लाने लगी, “ तुम मेरा मुँह बन्द करना चाहते हो? मेरा गला घोटना चाहते हो? मुझे मारना चाहते हो? तुम्हें पता है मैं देवी हूँ? मेरे चारों भाई चार शेर हैं! वे तुम्हें नोच-नोचकर खा जाएँगे।