विभिन्न सन्दर्भों को टटोलने के बाद मेरी यह स्पष्ट मान्यता है कि हड़प के मूल में वही हृ धातु है जिसमें मुग्ध करना, आकृष्ट करना, लेना, अधीन करना, वशीभूत, कब्जा करना, दबोचना, चुराना, डाका डालना, छीन लेना, हथियाना, ले जाना, स्वामित्व जताना, मालिक बनना, इच्छा जताना, अधिकार जताना जैसे भाव हैं।
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विभिन्न सन्दर्भों को टटोलने के बाद मेरी यह स्पष्ट मान्यता है कि हड़प के मूल में वही हृ धातु है जिसमें मुग्ध करना, आकृष्ट करना, लेना, अधीन करना, वशीभूत, कब्जा करना, दबोचना, चुराना, डाका डालना, छीन लेना, हथियाना, ले जाना, स्वामित्व जताना, मालिक बनना, इच्छा जताना, अधिकार जताना जैसे भाव हैं।