पंडित घासीराम का आडम्बर खोलकर, दुखी को मूक रूप से शोषित होने के साथ साथ बुद्धिशाली बताकर और जातिवाद के प्रतीक के रूप में रावण की उपस्थिति को सर्वत्र बनाकर, सत्यजीत राय की फिल्मकृति विस्तृत बन जाती है ।
12.
ये संगठन सामूहिक हत्याओं एवं हजारों लोगों के उत्पीड़न को जो कि विद्रोह-दमन के नाम पर किया जाता है, मूक रूप से अपनी सहमति प्रदान करते हैं एवं जब इनका उद्देश्य पूरा हो जाता है तो ये संगठन अपने स्थान को छोड़ देते हैं।
13.
मैं उन समस्त नागरिकों और संस्थाओं और पार्टियों से अपील करता हूं कि यदि अच्छा कार्य कोई भी व्यक्ति, संस्था या पार्टी करती है तो खुले दिल से उसकी प्रशंसा होनी चाहिए उसका सम्मान किया जाना चाहिए न कि उसकी आलोचना होते हुए मूक रूप से देखते रहना चाहिए।