उनका मूल ग्राम पता नहीं चलता संभवतः ये किसी पुराने पुर की शाखा हैं।
12.
मगों ने किसी काल खड में मूल ग्राम व्यवस्था एवं ऋषिगोत्र को ही अपना लिया।
13.
पारिवारिक नाम के साथ मूल ग्राम का नाम लिखना भी असामान्य नहीं है, विशेषतः दक्षिणी केरल में, उदा.
14.
पारिवारिक नाम के साथ मूल ग्राम का नाम लिखना भी असामान्य नहीं है, विशेषतः दक्षिणी केरल में, उदा.
15.
200 से अधिक आबादी के मजरे-टोले को जिसकी दूरी मूल ग्राम से 2 किलोमीटर या उससे अधिक है।
16.
कहते हैं काहल (कायल) पाण्डियों (पारीकों की एक खांप) का मूल ग्राम कोहली था जो अयोध्या के आस-पास था।
17.
मगों के मूल ग्राम, उनके द्वारा लिखित ग्रंथ एवं वर्तमान तक की कडियाँ, क्रांतिकारी, शहीद आदि ।
18.
गावस्कर, तेंदुलकर, सावरकर, माडगुलकर, मायेकर, आचरेकर, नवलकर, जोगलेकर, जुहेकर, देउस्कर, मांगलोकर, चिंदरकर और कभी-कभी वे उस परिवार या उसके पूर्वजों के मूल ग्राम से जुड़े होते हैं.
19.
गावस्कर, तेंदुलकर, सावरकर, माडगुलकर, मायेकर, आचरेकर, नवलकर, जोगलेकर, जुहेकर, देउस्कर, मांगलोकर, चिंदरकर और कभी-कभी वे उस परिवार या उसके पूर्वजों के मूल ग्राम से जुड़े होते हैं.
20.
रवीन्द्र कुमार पाठक निम्न जाकारियां उपलब्ध करायें नाम पिता का नाम उपाधि वय Age पुर, गोत्र, मूल ग्राम / शाखा, फोन / मो.