इसमें खूब फूले एक अशोक वृक्ष पर झूला पड़ा है और उस पर एक स्री झूल रही है इस मृण्मूर्ति में एक किन्नर युगल दिखलायें गये हैं।
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प्रत्युत्तर मे उन्होने बताया कि वे भी कल भाटीजी के साथ फुलान गये थे और वहाँ से 54 सिक्के, कुछ मणि और यक्ष की मृण्मूर्ति का एक साँचा लेकर आये थे ।
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यहाँ पर लघु पाषाण उपकरण, मणिक्य एवं मिट्टी के मनके, शंख, कांच एवं मिट्टी की चूड़ियां, खिलौना गाड़ी के पहिए, सांड की खण्डित मृण्मूर्ति, सिलबट्टे आदि पुरावशेष मिले हैं।