हालांकि हाइना को सिंह की शिकार की क्षमताओं से लाभ उठाने वाला, एक अवसरवादी मृतजीवी माना जाता है.
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सिंह शीर्ष का और कीस्टोन शिकारी है, हालांकि वे अवसर लगने पर मृतजीवी की तरह भी भोजन प्राप्त कर सकते हैं।
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सिंह शीर्ष का और कीस्टोन शिकारी है, हालांकि वे अवसर लगने पर मृतजीवी की तरह भी भोजन प्राप्त कर सकते हैं।
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वे मृतजीवी के रूप में प्रकृति के द्वारा मारे गए या किसी अन्य शिकारी के द्वारा मारे गए जंतु से भी भोजन प्राप्त कर सकते हैं, और निरंतर आस पास घूमते हुए गिद्धों पर नजर रखते हैं, इस बात से सचेत रहते हैं कि वे किसी मारे हुए या संकट में पड़े जानवर को इंगित करते हैं.
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वे मृतजीवी के रूप में प्रकृति के द्वारा मारे गए या किसी अन्य शिकारी के द्वारा मारे गए जंतु से भी भोजन प्राप्त कर सकते हैं, और निरंतर आस पास घूमते हुए गिद्धों पर नजर रखते हैं, इस बात से सचेत रहते हैं कि वे किसी मारे हुए या संकट में पड़े जानवर को इंगित करते हैं.
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सौजन्य से-देवपुत्र डबलरोटी पर फफूँद क्यों जमी? वनस्पति जगत के अंतर्गत एक विशाल वर्ग वाली ऐसी किस्म भी है जो क्लोरोफिल के अभाव में चूँकि अपने लिए भोजन बनाने में असमर्थ होती है अत: यह या तो परजीवी के रूप में दूसरे जीवधारियों पर आश्रित रहती है या फिर मृतजीवी के रूप में अन्य पदार्थों पर।
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ये तत्व स्वपोषी जीवों, जिनमें भोजन निर्माण की क्षमता होती है, द्वारा कार्बनिक यौगिकों के साथ समाविष्ट कर दिए जाते हैं जहां से खाद्य जाल के विभिन्न उपभोक्ताओं में से गुजरते हुए पुनः सैप्रोफाइट यानी मृतजीवी (वे जीव जो मृत या सड़े-गले पदार्थों से अपना पोषण प्राप्त करते हैं) द्वारा अकार्बनिक रसायनों के रूप में पुनर्चक्रित कर दिए जाते हैं।
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इनमे से कुछ परजीवी (parasitic) हो जाते हैं (अमरबेल की तरह दूसरे पेड़ों आदि पर चढ़ कर उनसे भोजन प्राप्त करते हैं), कुछ मृतजीवी (saprophytic) होकर पहले से मृत जीवों / जैव वस्तुओं (जैसे जूते का चमड़ा, ऊनी कपडे, रेशम) पर अपना पालन करते हैं (कुकुर मुत्ते और फंगस की तरह जो जो, सडती हुई ब्रेड आदि पर बनती है) और कुछ कीटभक्षी (insectivorous) बन कर कीड़े मकोड़ों आदि को पकड़ कर खाते हैं।