इस सवाल से जूझते हुए कि सन्यासी तो सांसारिक मोहमाया का त्याग कर चुका होता है तो क्या मां का मोह करना संसार करना नहीं है।
12.
इस सवाल से जूझते हुए कि सन्यासी तो सांसारिक मोहमाया का त्याग कर चुका होता है तो क्या मां का मोह करना संसार करना नहीं है।
13.
हमारे अन्दर की निर्णायक शक्ति अपना कार्य सटिकता के साथ सार्थक होने लगती है कि कहां चुप रहना है कहां बोलना है कहां कोध करना है कहां मोह करना है।
14.
तीसरे विभूतिपा में योग के अंतरंग साधन, योगानुष्ठान से प्राप्त होने वाली विभिन्न सिद्धियाँ आदि विषयों का प्रतिपादन करते हुए पतंजलि ने सूचित किया है कि सिद्धियों का मोह करना समाधि के लिए अनिष्टकारी तथा कैवल्य प्राप्ति के मार्ग में विघ्न ही है।
15.
मेरे पति मेरी कम उम्र में ही मुझे छोङ कर परदेश काम करने गये थे. 12 साल से उनकी कोई कुशल-क्षेम नहीं मिली.जोगी रूपी बीरु ने रामी की परीक्षा लेनी चाही.जोगी-अरे ऐसे पति का क्या मोह करना जिसने इतने लम्बे समय तक तुम्हारी कोई खोज-खबर नहीं ली.
16.
गगन ने धरा से कहा एक दिन, सिर्फ पत्थर बसे हैं तुम्हारे हृदय में! * झरे फूल कितने इसी धूल में, पर कभी भी तुम्हें मोह करना न आता, मिटे रूप कितने तुम्हारे कणों में, कभी भी तुम्हें याद करना न भाता!
17.
“ तुम्हारे विचार सुनकर मुझे बड़ी खुशी हुई | एक मामूली-सी बीमारी ने तुम्हारे विचार बदल दिए | किसी भी पाप का दंड यही है, अपने पाप को स्वीकार कर प्रायश्चित्त करना | यह धन-दौलत तो बेकार की चीज है | आज है कल नहीं | इससे मोह करना बुद्धिमानी नहीं है | ”
18.
अधूरी हूँ आज भी पा के तुम्हारे संपूर्ण प्यार को क्यूंकि डरते हो आज भी तुम मुझे अपनाने को सम्पूर्ण रूप से क्यूंकि नहीं कर पाए हो विश्वास मुझ पे तुम कमी कुछ मुझ में रही होगी कैसे और कब तुम्हे अहसास होगा मेरे असीम प्रेम का तुम करते हो प्यार मुझे मोह नहीं करती हूँ प्यार मैं भी किन्तु मोह के साथ शायद यही कमी है मेरी मोह करना क्या है गुनाह तो हाँ किया है मैंने ये गुनाह क्या सजा होगी इसकी नहीं जानती