| 11. | देवयानी यानि अग्नि वेदी या यज्ञ वेदी ‚ यजनासनी अर्थात यज्ञवेदी से जन्मी।
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| 12. | कुल मिलाकर यज्ञवेदी में अग्नि पूजा का अनुष्ठान इष्ट प्राप्ति का निमित्त बना।
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| 13. | आज जिसे हम हवनकुण्ड या यज्ञकुण्ड कहते हैं वह वास्तव में यज्ञवेदी हैं।
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| 14. | कुल मिलाकर यज्ञवेदी में अग्नि पूजा का अनुष्ठान इष्ट प्राप्ति का निमित्त बना।
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| 15. | यज्ञवेदी गीत सुस्वर गृहजाग, समिधा-धूम ऋचाओं की अनवरत अनुगूंज रह-रह शंख का उद्घोष!
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| 16. | आज जिसे हम हवनकुण्ड या यज्ञकुण्ड कहते हैं वह वास्तव में यज्ञवेदी हैं।
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| 17. | उन्होंने देखा, यज्ञवेदी के पास मृगछाला पर जटाधारी राम वक्कल धारण किये बैठे हैं।
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| 18. | यज्ञवेदी का मण्डप सूझ-बूझ और उपलब्ध सामग्री से सजाया जा सकता है।
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| 19. | हवनकुंड या यज्ञवेदी का स्थान पूजास्थल के आग्नेय कोण की ओर ही रखना चाहिए......
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| 20. | इस घाट के पश्चिम की ओर यज्ञवेदी एवं पर्ण कुटी नामक स्थान आज भी स्थित है।
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