(10) याचन शिक्तः अथार्त् याचना की लक्ष्यपूितर् का सामथ्यर् देनेवाला मंतर्।
13.
इसमें भगवान श्रीधर को मक्खन मिश्री और तुलसी दल अवश्य ही चढ़ाएं, और अन्त में श्रमा याचन करते हुए भगवान को नमस्कार करें।
14.
इसमें भगवान श्रीधर को मक्खन मिश्री और तुलसी दल अवश्य ही चढ़ाएं, और अन्त में श्रमा याचन करते हुए भगवान को नमस्कार करें।
15.
आ टे का धोवन की याचन करने पर उसने (जाट्नी) अपना पुर्व तर्क देते हुए पानी बहराने से मना कर दिया।
16.
इसमें भगवान श्रीधर को मक्खन मिश्री और तुलसी दल अवश्य ही चढ़ाएं, और अन्त में श्रमा याचन करते हुए भगवान को नमस्कार करें।
17.
पशु पक्षियों में प्रणय याचन के अनेक भड़कीले प्रदर्शन केवल जीवन साथी को ही आकर्षित नही करते वरन वे कुदरती दुश्मनों, परभक्षियों को भी सहज ही...
18.
इसके प्राय: १ ९ अर्थ हैं-कांति, तृप्ति, प्रीति, रक्षण, गति, अवगम, प्रवेश, श्रवण, स्वाम्यर्थ, याचन, क्रिया, इच्छा, दीप्ति, वाप्ति, आलिंगन, हिंसा, दान, भाग, वृद्धि आदि।
19.
** आरती-घृत-अवघ्राण-भस्म-धारण-क्षमा याचन **फैले प्रभा परमार्थ की, यह व्यक्त करती आरती,घृत-घ्राण देता दिव्य वातावरण-पोषक भारती ;देह नश्वर है-न भूलो यह सिखाता भस्म-धारण,रुष्ट स्वजनों को मना लें,करें त्रुटि हित क्षमा याचन ;मुग्ध है संसार उस पर,निज ह्रदय जिसने निखारा ।
20.
** आरती-घृत-अवघ्राण-भस्म-धारण-क्षमा याचन **फैले प्रभा परमार्थ की, यह व्यक्त करती आरती,घृत-घ्राण देता दिव्य वातावरण-पोषक भारती ;देह नश्वर है-न भूलो यह सिखाता भस्म-धारण,रुष्ट स्वजनों को मना लें,करें त्रुटि हित क्षमा याचन ;मुग्ध है संसार उस पर,निज ह्रदय जिसने निखारा ।