के चाप दोनों ओर काट लें तो उन बिंदुओं से जानेवाले खगोल के वृत्त को खगोलीय क्षितिजवृत्त तथा याम्योत्तर वृत्त के उस संपात बिंदु को, जो खगोलीय ध्रुव की ओर है, उत्तरबिंदु तथा दूसरी ओर के संपातबिंदु को दक्षिणबिंदु कहेंगे।
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इसे ब्रिटिश शाही खगोलविद श्रीमान् जॉर्ज बिडेल आइरी (१८०१-१८९२) के सम्मान में नामित किया गया था, जिन्होंने १८५० में ग्रीनविच पर याम्योत्तर वृत्त दूरदर्शी को निर्मित किया था | उस दूरबीन के स्थान को बाद में पृथ्वी की प्रधान मध्याह्न रेखा को निर्धारित करने के लिए चुना गया था |