एक दूसरी अवधारणा के अनुसार यह असामान्य रेडियो श्रोत किसी युग्म तारे से उत्पन्न हो रही है जिसमे एक तारा श्वेत वामन (
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सप्तर्षि मंडल में उल्लिखित वसिष्ठ और अरूंधति (वसिष्ठ पृथ्वी के पास एवं अरूंधति बहुत दूर), दोनों ऐसे ही युग्म तारे हैं।
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इस निहारीका का विवरण इतना जटिल है कि विज्ञानीयो को इसके केन्द्र मे स्थित चमकिले पिंड पर युग्म तारे (Binary Star) होने का शक हो रहा है।
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वे तारे जो देखने में एकल दिखाई देते हैं परंतु वास्तव में युग्म तारे हैं और जिनसे स्पेक्ट्रम रेखाओं में कभी कभी आवर्ती द्विगुण उत्पन्न हो जाते हैं) का पता लगा।
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1900 ई. तक स्पेक्ट्रमिकीय युग्मतारों (Spectroscopic binaries), वे तारे जो देखने में एकल दिखाई देते हैं परंतु वास्तव में युग्म तारे हैं और जिनसे स्पेक्ट्रम रेखाओं में कभी कभी आवर्ती द्विगुण उत्पन्न हो जाते हैं) का पता लगा।
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यह ग्रह और दोनो युग्म तारे पृथ्वी के प्रतल मे ही है, इस कारण से मुख्य तारे के प्रकाश मे इस ग्रह द्वारा ग्रहण के द्वारा आने वाली कमी की गणना तकनीक से इस ग्रह की खोज हुयी है।
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यह ग्रह और दोनो युग्म तारे पृथ्वी के प्रतल मे ही है, इस कारण से मुख्य तारे के प्रकाश मे इस ग्रह द्वारा ग्रहण के द्वारा आने वाली कमी की गणना तकनीक से इस ग्रह की खोज हुयी है।
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उपरोक्त विवरण के आधार पर, मिथ्यावादी रंग एक्स-रे अनेक एक्स-रे स्रोंतों को दर्शाते हैं जैसेकि एक्स-रे युग्म तारे और एंड्रोमेंडा के केंद्रीय क्षेत्र में छोटे पीले निशानों के रूप में है.संदेहास्पद विशालकाय ब्लैक होल की स्थिति के साथ नीले साधन जो आकाशगंगा के केंद्र की दाए ओर स्थित है, एक संयोग है.
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एक दूसरी अवधारणा के अनुसार यह असामान्य रेडियो श्रोत किसी युग्म तारे से उत्पन्न हो रही है जिसमे एक तारा श्वेत वामन (White Dwarf), न्युट्रान तारा (Neutron Star) या श्याम विवर (Black Hole) है और यह जलप्रपात इस तीव्र ऊर्जावान प्रणाली से उत्सर्जित गैसीय जेट धारा है।