| 11. | योगज-योगाभ्यास से मनुष्य की आत्मा में एक विशिष्ट धर्म का उदय होता है।
|
| 12. | योगज-योगाभ्यास से मनुष्य की आत्मा में एक विशिष्ट धर्म का उदय होता है।
|
| 13. | कृषि उत्पाद को अक्सर दूसरे योगज के साथ मिलाया जाता है और फिर सुलगाया जाता है.
|
| 14. | कृषि उत्पाद को अक्सर दूसरे योगज के साथ मिलाया जाता है [8] और फिर सुलगाया जाता है.
|
| 15. | परिणामों पर विचार करते हैं तो-अपि राजा कुले जातो निश्व शकट योगज: ।
|
| 16. | कीमतों में सामंजस्य और विभिन्न आयल योगज पर निर्भर करती है, जो तेल में मिश्रण करता है।
|
| 17. | रसायन आदि औषध प्रयोगों के द्वारा होने वाले सिद्धिरूप परिणामों में भी योगज धर्म की निमित्तता अप्रतिहित बनी रहती है।
|
| 18. | कृषि उत्पाद को अक्सर दूसरे योगज के साथ मिलाया जाता है [8] और फिर सुलगाया जाता है.
|
| 19. | इसी प्रकार से योगज प्रत्यक्ष में ध्याता, ध्यान एवं ध्येय इन तीनों का लय होकर एक अवस्था हो जाती है।
|
| 20. | वैसे ही, योगज धर्म योगी के देह-इन्द्रियादि में होनेवाले अनुकूल परिणामों के सम्मुख जो बाधा होती है, उनको हटा देता है।
|