यदि कोई बालूपत्थर का रंध्री शैल, र, इस प्रकार विन्यस्त हो कि उसके ऊपर और नीचे पूर्णतया अथवा प्राय: अपारगम्य शैल, मृत्तिका, शेल (shale) या अन्य कोई उसी गुण की शिलाएँ स्थित हों, तो आंतभैंम जल रंध्री शैल में रिसता हुआ, अपारगम्य शिला के ऊपरी संस्पर्श तल तक पहुँचने के बाद, स्तरों की ढाल के अनुसार पाश्र्ववर्ती दिशा में बढ़ने लगेगा।
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यदि कोई बालूपत्थर का रंध्री शैल, र, इस प्रकार विन्यस्त हो कि उसके ऊपर और नीचे पूर्णतया अथवा प्राय: अपारगम्य शैल, मृत्तिका, शेल (shale) या अन्य कोई उसी गुण की शिलाएँ स्थित हों, तो आंतभैंम जल रंध्री शैल में रिसता हुआ, अपारगम्य शिला के ऊपरी संस्पर्श तल तक पहुँचने के बाद, स्तरों की ढाल के अनुसार पाश्र्ववर्ती दिशा में बढ़ने लगेगा।