इस रोग का आंत्रिक रूप भी पाया जाता है जिसमें रक्तयुक्त अतिसार, वमन, जी मिचलना और ज्वर होते हैं।
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ज्योतिषीय दृष्टिकोण: रक्तयुक्त पेचिश का मुखय कारण पेट की आंतों में सूजन के कारण घाव और मानसिक तनाव हैं।
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इस रोग का आंत्रिक रूप भी पाया जाता है जिसमें रक्तयुक्त अतिसार, वमन, जी मिचलना और ज्वर होते हैं।
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रक्तयुक्त पेचिशः खूनी दस्त आचार्य अविनाश सिंह आयुर्वेद के अनुसार शरीर की वायु दूषित होने से रक्तयुक्त अतिसार रोग पैदा होता है।
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रक्तयुक्त पेचिशः खूनी दस्त आचार्य अविनाश सिंह आयुर्वेद के अनुसार शरीर की वायु दूषित होने से रक्तयुक्त अतिसार रोग पैदा होता है।
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देखने में जलोदर का द्रव प्राय: वर्णहीन होता है, थोड़ा रक्तयुक्त होने पर हरिद्वर्ण या रक्तवर्ण, थोड़ा पित्तयुक्त होने पर पीतवर्ण और वसापायस (
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ल्युकोरिया यानी सफेद रंग का डिस्चार्ज हो सकता है लेकिन रंगीन या रक्तयुक्त डिस्चार्ज होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें, यह समस्यासूचक है।
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ल्युकोरिया यानी सफेद रंग का डिस्चार्ज हो सकता है लेकिन रंगीन या रक्तयुक्त डिस्चार्ज होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें, यह समस्यासूचक है।
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पहाड़ से नीचे उतरते समय खांसी बढ़ जाती है, खांसी गहरी और खोखली हो जाती है, बलगम भूरा, गाढ़ा, रक्तयुक्त, पीबदार और नमकीन होता है।
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आयुर्वेद शास्त्रों के अनुसार दूषित पित्त से उत्पन्न दस्त लगने पर भी अगर व्यक्ति गर्म, तेज, मसालेदार चीजें सेवन करता रहे, तो परिणामस्वरूप मल रक्तयुक्त आने लगता है।